
फीफा द्वारा गुरुवार को की गयी घोषणा में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को 2023 महिला विश्व कप के लिए सह-मेजबान के रूप में चयनित किया गया और दोनों संयुक्त रूप से काम करेंगे, ये अब तक आयोजित सभी पूर्व टूर्नामेंटों में से सबसे बड़ी होगी जिसमे 32 टीमों का मुकाबला होगा I
विश्व फ़ुटबॉल के शासी निकाय फीफा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा अपने निर्णय की घोषणा दी और एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा की हमने अगले चार वर्षों में महिलाओं के फ़ुटबॉल में निवेश के लिए 1 बिलियन डॉलर को स्वीकृति दे रहे है और यह निधि महिला फुटबॉल के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम होगा जोकि पर्याप्त प्रतिस्पर्धी राष्ट्रीय टीमों के विकास में मील का पत्थर साबित होगा और इन्ही टीमों में से 32 टीम आने वाले समय में प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगी I
जोहान वुड, न्यूजीलैंड से फीफा परिषद की एक सदस्य ने कहा “हमें एक खजाना दिया गया है” और “हम खजाने की देखभाल करेंगे और विश्व मंच पर महिलाओं के फुटबॉल को सबके सामने लाने की दिशा में काम करेंगे।”
फीफा के अध्यक्ष, गियानी इन्फेंटिनो ने कहा कि वह बोली प्रक्रिया में ब्लॉक वोटों से हैरान थे क्युकि यूरोपीय और दक्षिण अमेरिकी सदस्यों के एक ब्लॉक ने कोलंबिया के लिए मतदान किया। उन्होंने कहा कि तकनीकी रिपोर्टों का मतदाताओं द्वारा लिए गए अंतिम निर्णय पर प्रभाव होना चाहिए, और उन्होंने अपना वोट निष्कर्षों के आधार पर दिया था। इन्फेंटिनो ने यह भी सुझाव दिया कि भविष्य के प्रतियोगिताओ की मेजबानी पर निर्णय परिषद के हाथों से लिया जाएगा और फीफा के सदस्य संघों द्वारा उनके वार्षिक सम्मेलन में फैसला किया जाएगा, जैसा की पहले से ही पुरुषों के विश्व कप के मेजबान के लिए किया गया है और अबसे “पुरुषों और महिलाओं के बीच अलग-अलग व्यवहार करने का कोई कारण नहीं है।”
पहली बार दो अलग-अलग संघों से दो देशों की संयुक्त ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त बोली को टूर्नामेंट को आयोजित करने के लिए प्रमुख दावेदार माना गया । इस प्रक्रिया में कई अन्य दावेदार पहले ही बाहर हो गए थे। गुरुवार तक, इसका एकमात्र प्रतिस्पर्धी कोलंबिया की बोली ही थी।
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त बोली की योजना 12 शहरों में 13 स्टेडियमों का उपयोग करने की है – सात ऑस्ट्रेलिया में और पांच न्यूजीलैंड में। दो स्टेडियम सिडनी में होंगे, जिसमें 2000 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए निर्मित 70,000 सीटो की क्षमता वाली सुविधा भी शामिल है।
फीफा के मूल्यांकनकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड को सबसे अधिक बोली लगाई थी, जिसमें न केवल देशों के बुनियादी ढांचे पर ध्यान दिया गया था, बल्कि यह भी कि बोली “सबसे अधिक व्यावसायिक रूप से अनुकूल प्रस्ताव कौनसा है “, जो किसी भी फीफा चर्चा में सबसे महत्वपूर्ण होता है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को घरेलू स्तर पर फायदा होने की उम्मीद है । ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 1995 से लेकर अभी तक हर महिला विश्व कप में भाग लिया है, लेकिन कभी भी विश्व कप में क्वार्टर फ़ाइनल से आगे नहीं बढ़ा है । 2019 में नॉर्वे से पेनल्टी-किक शूटआउट में हारने के बाद बाहर हो गया। वही न्यूजीलैंड लगातार चार विश्व कप में सहभाग कर एक स्थिरता बनाये हुए है ।