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कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर पर पुलिस छापा मारना एक बुरे सपने में तब्दील हो गया, जब पुलिस उपाधीक्षक रैंक के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सहित कम से कम आठ पुलिसकर्मियों की मुठभेड़ में मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश में कई हाई प्रोफाइल हत्या के मामलों में वांटेड, गैंगस्टर विकास दुबे तब कुख्यात हो गया जब उसने 2001 में शिवली पुलिस स्टेशन में कथित रूप से भाजपा नेता संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। शुक्ला उस समय यूपी सरकार में राज्य मंत्री थे I हालांकि, दुबे को उनके खिलाफ सबूत की कमी की वजह से सत्र अदालत ने बरी कर दिया था।
गुरुवार की रात, स्थानीय निवासी द्वारा उसके खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले में FIR दर्ज किए जाने के बाद पुलिस गैंगस्टर की तलाश में गई थी । चौबेपुर के बिठूर इलाके में 2-3 जुलाई की रात को पुलिस की टीम जब कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश में इलाके में पहुंची तो उस समय पुलिस टीम को झटका लग गया, दुबे के लोगों ने घात लगाकर पुलिस पर हमला कर दिया, जो इमारत की छत पर हथियारों के साथ तैयार थे और पुलिस पर लगातार गोली चलते रहे।
इसके अलावा, अज्ञात अपराधियों ने पहले से ही पुलिस टीम को रोकने के लिए सड़क पर एक जेसीबी मशीन तैनात कर दी थी।
वर्तमान में विकास दुबे की तलाश में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिठूर के डिकरू गांव में तीन पुलिस थानों से पुलिस दल भेजे गए हैं। दुबे के खिलाफ 60 मामले दर्ज हैं।
पुलिस टीम पर हमले के बाद अपराधी मौके से भागने में सफल रहे। कानपुर में पुलिस दल पर घात लगाकर खुनी हमला करने वाले विकास दुबे के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :
- विकास दुबे का आपराधिक अतीत रहा है, जिस पर 2001 में भाजपा के राजनेता और राज्य मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप था। हालांकि, उनके खिलाफ सबूतों की कमी के कारण उन्हें बरी कर दिया गया था।
- साल 2004 में बिजनेसमैन दिनेश दुबे की हत्या का आरोप लगा।
- कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र में ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडे की हत्या का भी आरोपी लगा।
- अपने चचेरे भाई अनुराग पर भी हमला किया ।
- इसके अलावा, उन्होंने शिवराजपुर नगर पंचायत चुनाव जीता, जबकि वो जेल में था ।
- विकास दुबे के सिर पर 25,000 रुपये का इनाम रखा है। वह जिला पंचायत का पूर्व सदस्य भी रहा और उसके खिलाफ हत्या के प्रयास में कम से कम 53 मामले दर्ज हैं।