
11 जुलाई 2020 के दिन बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन और उनके बेटे अभिषेक बच्चन का COVID – 19 टेस्ट पॉजिटिव आने कि वजह से मुंबई के नानावटी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है, हम उनके जल्द ठीक होने कि प्रार्थना करते है । आइये हम नज़र डालते है अमेज़ॅन प्राइम पर ‘ब्रीथ’के दूसरे सीज़न जो 10 जुलाई 2020 से शुरू हो गया है । जिसका नाम ‘ब्रीद: इन द शैडो’ रखा गया है , अपने दोनों प्रमुख पात्रों की डिजिटल शुरुआत का प्रतीक है । बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन और मलयालम अभिनेत्री निथ्या मेनन के लिए ये एक डिजिटल डेब्यू है । मयंक शर्मा द्वारा निर्देशित ‘ब्रीद: इन द शैडो’ का हर एपिसोड लगभग 40 मिनट लंबा है।
कहानी –
अगर कहानी की बात करे तो ये एक पिता की कहानी है और इस वेब सीरीज के माध्यम से ये दर्शाया गया है कि कैसे एक पिता का प्यार एक जीवन को बचा सकता है।” सीरीज में अभिषेक बच्चन कि बेटी जिसे मधुमेह से पीड़ित है जिसको दिन में चार बार इंसुलिन इंजेक्शन की आवश्यकता होती हैलेकिन अचानक एक दिन अचानक किडनैप होने के बाद किडनैपर्स कि अजीब डिमांड आती है जिसमे बेटी कि जान बचाये रखने के लिए पिता बने अभिषेक अच्चन को कई क़त्ल करने को कहा जाता है । यहाँ ये देखना दार्शिनय है कि दंपत्ति विनाश और आभा दोनों ही अपराध में समान रूप से भागीदार थे। हत्या की योजना बनाने से लेकर गुप्त संदेशों का पता लगाने तक से लेकर उन्हें अंजाम देने तक । ब्रीद: इन द शैडो’ बहुत ही पेचीदा पेशकश बन के भरी है.
जहा एक तरफ दंपत्ति का संघर्ष दिखाया जाता है, वही दूसरी तरफ हमे पहले सीजन के कबीर सावंत (अमित साध) देखने को मिलते हैं, जो एक पुलिस अधिकारी बने हैं। इस सीजन में वे पिछली बार के विपरीत, मुंबई क्राइम ब्रांच से दिल्ली स्थानांतरित दिखाए जाते है। जो किसी भी कीमत पर ये गुत्थी सॉल्व करना चाहता है.
अमिताभ और अभिषेक बच्चन हुए कोरोना पॉजिटिव
अभिनय –
लीड करक्टेर्स में अविनाश और आभा के किरदारों में ज्यादा गहराई दी जा सकती थी । औसत अभिनय के अलावा, भावनाओं को प्रदर्शित करने के बजाय घटनाओं के वर्णन में ज्यादा साजिश रची गई। उदाहरण के तौर पर, एक दर्शक के रूप में जब दंपति को पता चला कि उनका बच्चा गायब है, तो उस समय वे जो भी महसूस कर रहे थे, उसे अधिक देखना पसंद करेंगे। यहां तक कि प्रत्येक हत्या के बाद आंतरिक चेतना का पहलू सिर्फ प्रभावशाली नहीं था- शायद गायब ही था । ईमानदारी से, कोई संवाद या दृश्य नहीं था जो एपिसोड समाप्त होने के बाद वास्तव में दर्शको के दिल दिमाग में छाया रहे ।
हमारा निर्णय –
एक थ्रिलर से दर्शकों को जो उम्मीद होती है वो है नेल-बाइटिंग सीन और मनोरंजक प्लॉट हमें उनमें से कोई भी देखने को नहीं मिलता है। वास्तव में, कबीर सावंत का उपसंहार मुख्यपत्रों की तुलना में अधिक दिलचस्प था। साध की एक्टिंग, उनके किरदार की ऑन द स्पॉट थिंकिंग और मजाकिया अंदाज स्क्रीन पर देखकर दर्शको को आनंद आता है। यह सीज़न पूरी तरह से अमित संध का है, जो इस डूबते हुए टाइटैनिक को बचाने कि कोशिश करता है। शो से जो भी थोड़ा सा रहस्य और ड्रामा हमें मिलता है वह कबीर सावंत की देन है। कथानक का आख्यान कमोबेश सपाट ही है और आश्चर्यजनक मोड़ भी आपको असमंजश में डालते हुए नहीं नज़र आते है। यह वेब सीरीज आपको बांधे रखने में विफल नज़र आती हैं। इसके सबसे बड़े करने में से एक कारण यह है कि इसके पीछे जो हत्याएं और योजनाएँ थीं, वे बेहद अनुमानित हैं।
रचनाकारों के लिए,किसी भी वेब सीरीज या फिल्म में दूसरे सीज़न में दर्शकों को प्रभावित करना हमेशा अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। यह कार्य तब और कठिन हो जाता है जब पिछले भाग को दर्शकों द्वारा बहुत प्यार मिला हो । शो का सबसे बड़ा दुश्मन इससे जुडी उम्मीद थी। यदि आपने पहला सीज़न नहीं देखा है,तो आप इस से ज़रूर अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
अगर आपको देखना है तो बस इन सवालो के लिए देखिये कि सिया का अपहरण किसने किया? क्या वह कभी अपने माता-पिता के पास वापस आएगी? और उसके माता-पिता उसे बचाने के लिए कहा तक जा सकते है ? क्या सभी हत्याओं के बीच कोई संबंध है?
रेटिंग – 2 स्टार