
हिन्दू धर्म में महादेव भगवन शिव का बहुत महत्तव है, सावन का महीना शिव भक्ति के लिए सबसे पवित्र और अच्छा समय माना जाता है इसी में अगर शिवरात्रि पड़ जाए तो भक्तो के लिए इस से अच्छा सौभाग्य हो ही नहीं सकता I
पुराणों और हिन्दू वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण मास की चतुर्दशी तिथि (यानि चौदहवें दिन), कृष्ण पक्ष (चंद्रमा का चरण) को सावन में शिवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है ।
इस दिन की हिन्दू धर्म में खुद में बहुत महत्ता है, आइये जाने –
- इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का मिलान हुआ था ।
- इस दिन ही आमतौर पर सावन के पहले दिन शुरू होने वाली कांवर यात्रा का समापन होता है।
- पुराणों के अनुसार यही वो दिन है जब सतयुग में समुद्र मंथन हुआ था ।
- इसी दिन पवित्र गंगाजल भगवान शिव को उनके भक्तों द्वारा चढ़ाया जाता है।
- इसी दिन यह माना जाता है कि भगवान शिव का लिंग रूप सबसे पहले दुनिया में अस्तित्व में आया था।
पौराणिक किंवदंतियो के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने देवी पार्वती को शक्ति का अवतार दिया था, उनकी भक्ति से मोहित होने के कारण उनसे शादी करने की इच्छा जताई थी और इसलिए देवी ने अपने विवाह के बाद शिव जी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपवास रखा। उसी का अनुशरण करते हुए और आज भी, भारतीय महिलाएं सभी अनुष्ठानों का पालन करती हैं और अपने पति की भलाई और लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं।
कहा मनाया जाता है –
सावन की शिवरात्रि मुख्यतः उत्तरी और मध्य भात में मनाया जाता है, कुछ प्रमुख राज्यों के नाम है, उत्तराखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, और बिहार ।
क्यों है ये शिवरात्रि भक्तो के लिए महत्वपूर्ण –
इस शुभ दिन पर, भक्त भगवान शिव से शांति, समृद्धि और खुशी का आशीर्वाद पाने के लिए महा रुद्र-अभिषेक पूजा करते हैं । भकरो द्वारा इस शिवरात्रि को अत्यंत शुभ माना जाता है। कई शिव भक्त व्रत रखते हैं और सावन शिवरात्रि के दिन विभिन्न प्रकार के पूजन करते हैं।
19 जुलाई 2020 की शिवरात्रि की महत्वपूर्ण तिथियां एवं समय –
चतुर्दशी तिथि 19 जुलाई को 12:41 बजे शुरू होती है और 20 जुलाई को पूर्वाह्न 12:10 बजे समाप्त होती है।
सावन शिवरात्रि 2020 निशिता काल पूजा समय
12:07 AM से 12:10 AM 20 जुलाई
सावन शिवरात्रि 2020 प्रहर समय
शिवरात्रि पूजा हमेशा शाम को शुरू होती है। भक्त एक या चार बार पूजा करते हैं। पूजा का समय चार प्रहरों में विभाजित है। समय इस प्रकार हैं:
- पहला प्रहर – 7:19 PM से 9:53 PM (19 जुलाई)
- दूसरा प्रहर- 9:53 PM (19 जुलाई) से 12:28 AM (20 जुलाई)
- तीसरा प्रहर – 12:28 AM (20 जुलाई) से 3:02 AM (20 जुलाई)
- चौथा प्रहर – 3:02 AM (20 जुलाई) से 5:36 AM (20 जुलाई)
- सावन शिवरात्रि 2020 पराना समय
- व्रत तोड़ने का आदर्श समय 20 जुलाई को सुबह लगभग 5:36 बजे है।
सावन या श्रावण का महीना 6 जुलाई से शुरू हुआ था और इस महीने का समापन 3 अगस्त को होगा। इस वर्ष, सावन शिवरात्रि रविवार 19 जुलाई को मनाई जा रही है।इस पूरे महीने भक्त भगवान शिव की आराधना की पूजा एवं आराधना करते है। कई भक्त कावड़ ले के जाते है और कई लोग ज्योतिर्लिंगों में जाते हैं और शिवलिंग पर गंगा नदी का पवित्र जल चढ़ाते हैं और अपनी भक्ति और पूजा से भगवान शिव को खुश करने का प्रयास करते है ।
Bam bam Bhole
Jai Shiv Shankar
Jai Bhole baba