
ज्वालामुखी उपमंडल की गुम्मर पंचायत के कुलदीप कुमार की गरीबी इस स्तर पर पहुंच गई की उनको अपने बच्चें को ऑनलाइन पढ़ने के लिए अपनी गाय तक बेचनी पड़ी। बता दें की कुलदीप कुमार के पास कोई स्मार्टफोन नहीं था जिससे वो अपने बच्चे को ऑनलाइन पढ़ा सकें | कुलदीप को ये बात खली और उन्होंने अपने बच्चे को पढ़ाने के अपनी गाय बेचने का फैसला किया। गाय बेचकर प्राप्त राशि से वह एक स्मार्टफोन ख़रीदकर बच्चे को पढ़ना चाहता है।
ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला को इस बात की खबर मिली तो वह भी कुलदीप के घर पहुंचे और परिवार की हालत देखकर व्यथित हो उठे। धवाला ने परिवार को हौसला बंधाते हुए 2000 रुपये की सहायता धन राशि अपनी जेब से दी। कहा कि सरकार बहुत जल्द इस परिवार के लिए घर का बंदोबस्त करेगी और बच्चों की पढ़ाई के लिए भी जरूरी सहायता की जाएगी। धवाला ने कुलदीप का नाम बीपीएल में नहीं होने पर दु:ख व्यक्त करते हुए एसडीएम ज्वालामुखी व विकास खंड अधिकारी देहरा को जांच के आदेश दिए हैं। सात दिन के भीतर इस परिवार का नाम बीपीएल से क्यों कटा साफ होना चाहिए।
सवाल यह है की क्या 2000 रु किसी गरीब की जरुरत पूरा कर सकते है। आज के युग में 2000 रु में क्या होता है। नेता जी ने उसके घर की भी हालत देखी तब भी सिर्फ 2000 रू देकर जैसे अपना फर्ज निभाया हो। वाह नेता जी वाह, क्या गरीब का मजाक उड़ाया है आपने।
सोशल मीडिया में वायरल होते ही बहुत से लोगों ने कुलदीप और उसके परिवार की मदद करने की इच्छा जताई है। लुधियाना व जालंधर के दो व्यक्तियों ने कुलदीप की आर्थिक मदद के लिए बैंक खाता नंबर पूछे। प्रदेशभर से 100 से भी ज्यादा लोगों ने कुलदीप को फोन कर आर्थिक सहायता करने व उनके घर का दौरा करने की बात की है। भड़ोली से सेवानिवृत्त दंपती मिलाप ङ्क्षसह ठाकुर व सुरेखा ठाकुर ने परिवार को हर माह जरूरी राशन देने की बात कही है। साथ ही शिमला से एक महिला ने बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए कुलदीप से बात की है।
उधर ज्वालामुखी से नगर परिषद के मनोनीत पार्षद ज्योति शंकर बब्बू, पार्षद सुखविंदर सिंह, मझीण से जिला परिषद सदस्य बिजेंद्र धीमान, पार्षद सुमेश चौधरी, कांग्रेस नेता हरीश कपूर, पार्षद टीटू वर्मा व आशुतोष कपूर ने भी गरीब परिवार की मदद करने का भरोसा दिया है। बैजनाथ के पूर्व विधायक दूलो राम भी ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। कुलदीप को लगभग 50 लोगों ने गाय देने की पेशकश की है। आर्थिक मदद मिल जाने से कुलदीप और उसका परिवार एक सामान्य जीवन जी सकता है।
यह बहुत खुशी की खबर है कि कुलदीप के बच्चों को पढ़ाने के लिए समाज के लोगों ने मदद की है द दुख है कि हमारे देश की सरकारों को जो काम करना चाहिए उसे समाज के लोगों को करना पड़ रहा है
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