
25 जुलाई 2020 को नाग पंचमी का त्यौहार पूरे भारत में मनाया जायेगा। नाग पंचमी का अनूठा त्योहार हर साल श्रवण महिने के पांचवें दिन शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के दिन) को मनाया जाता है । इस दिन नाग देवताओं की पूजा की जाती है और इसको अत्यधिक शुभ मन जाता है ।
आइये जानते है विस्तार से – नाग पंचमी को कब, क्यों, कैसे, किस तरह से मनाया जाता है –
नाग पंचमी अर्थ:
‘नाग’ एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है ‘सांप’। ‘पंचमी’ का अर्थ है पांचवे दिन तिथि । अर्ताथ नाग पंचमी का अर्थ हुआ नाग देवता को समर्पित त्यौहार जिसे श्रावण मास के पाँचवे दिन मनाया जाता है।
नाग पंचमी का इतिहास:
पौराणिक कथाओ के अनुसार द्वापर युग में यमुना नदी के किनारे ‘कालिया’ नाम का एक खतरनाक सांप रहता था। जिसने नदी में जहर घोल पानी को जहरीला कर दिया जिसकी वजह से बृज, उत्तर प्रदेश के लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ा और जो जहरीला पानी पीने से वहा के पशु पक्षी मरने लगे ।
तब भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लील दिखते हुए सांप को यमुना नदी से जहर निकालने के लिए मजबूर कर दिया। जिस से बाद में खुश होकर श्री कृष्ण ने उसे आशीर्वाद दिया कि लोग हर साल नाग पंचमी के दिन सांप की पूजा करेंगे और इस दिन सांपों को दूध चढ़ाया जायेगा ।
तबसे ही ‘नाग पंचमी‘ का पर्व मनाया जा रहा है ।
नाग पंचमी का त्यौहार कैसे मनाया जाये :
इस त्योहार के दिन नाग मूर्ति को दूध के साथ शाही स्नान दिया जाता है। भारत में, महिलाएं नाग देवता की पूजा करती हैं और इस दिन सांपों को दूध चढ़ाती हैं। इस दिन जीवित नागों की भी पूजा की जाती है। एक धार्मिक मान्यता अनुसार, कई लोग कोबरा को दूध चढ़ाते हैं।
नाग पंचमी का महत्व:
नाग पंचमी के शुभ अवसर पर, लोग नाग देवता से अपने परिवार के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। इसके अलावा, लोग इस अवसर सब अपनी प्राथना में बुराई से सुरक्षा भी चाहते हैं। इस दिन, महिलाएं अपने भाइयों और परिवार के कल्याण के लिए प्रार्थना करती हैं और यह व्यापक रूप से माना जाता है कि इस दिन सांपों को चढ़ाया जाने वाला कुछ भी नाग देवताओं तक पहुंच जाएगा।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान कृष्ण ने कालिया को आशीर्वाद दिया तो उन्होंने कहा कि जो लोग नाग पंचमी पर सांपों को दूध चढ़ाते हैं, उन्हें हमेशा बुरी शक्तियों से बचाया जाएगा।
अच्छे फल प्राप्ति के लिए पूजा विधि –
अगर आप नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करें। तो यह श्रावण महिने के दौरान भगवान शिव को प्रसन्न कर आशीर्वाद लेने का सबसे अच्छा तरीका है। हालांकि, याद रखें कि विश्वास और भक्ति सबसे ज्यादा मायने रखती है, न कि केवल अनुष्ठान।
जानिए शुभ मुहूर्त के बारे में –
- तारीख – 25 जुलाई 2020
- शुभ महूर्त – 24 जुलाई को 2:34 बजे शुरू – 25 जुलाई को दोपहर 12:02 तक।
- पूजा महूर्त – 25 जुलाई, 2020,सुबह 05:39 बजे से – सुबह 08:22 बजे तक।
- कुल समय पूजा करने के लिए – नाग पंचमी की पूजा कुल 2 घंटे 44 मिनट की होगी ।
कहा मनाया जाता है –
यह त्योहार है श्रावण के पांचवें दिन के उज्ज्वल आधे चंद्र पर मनाया जाता है जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरयाणा आदि परन्तु कुछ राज्यों में जैसे राजस्थान और गुजरात में नाग पंचमी उसी महीने के अंधेरे आधे पर मनाया जाता है।
नाग पंचमी की तिथि हर साल अलग होती है क्योंकि त्योहार हिंदू चंद्र कैलेंडर का अनुसरण करता है और ये इस साल 25 जुलाई 2020 को पड़ रही है ।
नागपंचमी पर भेजने वाले कुछ सन्देश –

सावन का महीना है,
नाग पंचमी का त्योहार है।
शिव भोले की कृपा है सब पर,
जो जपे नाम शिव का उसका बेड़ा पार है।
भोले नाथ के प्यारे हैं नाग देवता,
करते हैं सभी पूरी मनोकामना,
होंगे सब काम पूरे आप सबके,
अगर रहे आपकी शुद्ध भावना!
नाग पंचमी की शुभकामनाएं
नाग देवता करे आपकी रक्षा
पिलाये दूध उन्हें मीठा मीठा,
हो आपके घर में धन की बरसात,
ऐसी शुभ हो नाग पंचमी की सौगात
Wish You Happy Nag Panchmi
सावन का आया भक्तों महीना है,
नाग पंचमी का त्योहार है,
जो दिल से बाबा का नाम जपे हरदम,
उसका होता हमेशा बेड़ापार है!
नाग पंचमी की शुभकामनाएं
गले में शिव शंभू के विराजे नाग,
अपने फन पर रखे हैं पृथ्वी को,
ऐसे हैं शक्तिशाली देवता हमारे नाग
इनके चरणों में हमारा कोटि-कोटि प्रणाम!
Happy Nag Panchami
नाग पंचमी की शुभकामनाएं
महादेव का है आभूषण
श्री विष्णु का है शेषनाग सिंहासन
अपने फन पर जिसने पृथ्वी उठायी
ऐसे नाग देवता को मेरा वंदन।
जन आवाज न्यूज़ की पूरी टीम की तरफ से आप सभी को नाग पंचमी की हार्दिक बधाई।
नाग पंचमी हमारे देश के प्रमुख त्यौहार ओ में से एक है यह मूल रूप से नाग पूजन का त्योहार है जिसे देश के अलग अलग प्रान्तों में अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है जो
very descriptive
Nag panchami ki shubkamnayein