
24 जुलाई 2020 को हॉटस्टार + डिज्नी पर सुशांत सिंह राजपूत और संजना सांघी द्वारा अभिनीत दिल बेचारा को रिलीज़ किया गया। यह फिल्म उपन्यासकार जॉन ग्रीन के बेस्टसेलर नावेल ‘द फॉल्ट इन आवर स्टार्स’ पर आधारित है। इस फिल्म को मुकेश छाबड़ा द्वारा निर्देशित किया गया है और यह उनकी पहली फिल्म है।
कहानी –
दिल बेचारा का मुख्य कथानक दो पात्रों, किजी और मैनी के इर्द-गिर्द घूमता है। कहानी जमशेदपुर से शुरू होती, जहा बासु परिवार दिखाया जाता है । फिल्म की नायिका किजी (संजना सांघी) को थायराइड कैंसर है, जो बिना ऑक्सीजन के कही जा नहीं सकती और अपने परिवार के साथ ज़िन्दगी से लड़ती नज़र आती है, जिसमे उसे कई बार अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते है । वह ज़िन्दगी को एक नार्मल तरीके से जीना चाहती है, पर अपने भविष्य को अंधकार में देख अक्सर अनजान लोगो की अंतिम क्रियाओ को देख अपनी मौत से अनजान सा रिश्ता बनाना चाहती है।
तभी उसकी मुलाकात पहले अपने कॉलेज में फिर कैंसर सहायता ग्रुप में मैनी (सुशांत सिंह राजपूत) से होती है, जिसको ओस्टियोसारकोमा होता है, शुरुआत में किजी मैनी के उच्च ऊर्जा और खुले व्यवहार से दूर भागती है। फिर दोस्ती होने के बाद दोनों कैसे मैनी किजी कि मदद करता है और उसको जीवन की खामियों को गले लगाना सिखाता है,और यह जानते हुए कि मौत नज़दीक है, तब भी कैसे ज़िन्दगी के सफर को अच्छे से जी सकते है की सीख देता है, यही फिल्म की प्रेरक शक्ति है।
अभिनय –
यह सुशांत सिंह राजपूत की मरणोपरांत रिलीज़ है । फिल्म देखते समय मैनी की जगह आपको कई जगह असली सुशांत ही नज़र आएंगे, वास्तविकता से अनुक्रम को अलग कर पाना कठिन है । यह सुशांत की सर्वश्रेष्ठ अभिनय नहीं कह सकते, क्युकि अभनिय में उसने छिछोरे और सोनचिरैया में ज्यादा आयामों को छुआ था,पर इस फिल्म में जब भी आप सुशांत को देखेंगे तो खुद को सुशांत – एक अच्छा व्यक्ति, एक शानदार कलाकार, एक ज़िंदादिल लड़का,एक चमकते सितारे से रूबरू पाएंगे। यह फिल्म सुशांत को भावभिनी श्रद्धांजलि है।
संजना के रूप में इंडस्ट्री को एक आत्मविश्वास से भरी अभिनेत्री मिली है, जिसने किज़ी जैसे कैंसर पीड़ित मरीज का किरदार निभाते हुए भी खुद को स्वाभाविक और आकर्षक रखा है है। सास्वत और स्वस्तिक दोनों ने ही माँ – बाप के रोल में छाप छोड़ी है, उनके प्रदर्शन में गहराई है क्योंकि एक कैंसर पीड़ित बेटी के माता-पिता की रूप में उसपर मंडराते की चिंता उनके अभिनय में बखूबी दिखाई दी है।
निर्देशन –
मुकेश छाबड़ा की यह पहली फिल्म है, इसलिए उनसे कुछ गलतिया हुई है । उन्होंने कई जगह फिल्म में मौलिक संबंधों को बनने की अनुमति नहीं दी , जैसे कि किज़ी और उसके माता-पिता, जो उसके चरित्र और फिल्म का एक आयाम बनाते हैं। कही कही पर फिल्म आवश्यक महत्वपूर्ण क्षणों को छोड़ देती है । जैसे फिल्म में शायद ही कभी मृत्यु, जीवन और भाग्य के दार्शनिक सवालों को संबोधित किया गया हो, और कैसे एक अपरिहार्य अंत के साथ जूझते ये दोनों चरित्र लगभग सभी काम कर रहे हैं।
फिल्म –
हालांकि, एक फिल्म के रूप में, दिल बेचारा में गहराई का अभाव है और इस तरह की कहानी के केंद्र में नाजुकता की भावना से भटकती नज़र आयी है। जिसकी वजह से फिल्म पूर्ण जीवन में झाँकने के बजाय घटनाओं का एक क्रम प्रतीत होती है। परन्तु निर्देशक मुकेश छाबड़ा और लेखक सुप्रोतिम सेनगुप्ता और शशांक खेतान ने फिल्म के प्रवाह के माध्यम से, केज़ी और मैनी और किज़ी और उसके माता-पिता के बीच के क्षणों वाले कुछ दृश्यों को इतना अच्छा फिल्माया है, जो निश्चित रूप से आपकी आँखों में आंसू लाएंगे।
निष्कर्ष –
भले असल ज़िन्दगी में सुशांत ज़िन्दगी की जंग हार गए परन्तु यह इस फिल्म में वो आपको ज़िन्दगी को, चाहे कितनी भी मुसीबते हो अपनी शर्तो पर जीने की सीख सिखाते है।
दिल बेचारा को डिज्नी + हॉटस्टार पर मुफ्त में देख सकते है और हमें इस बात में कोई शक नहीं है कि फिल्म को देखने वाले दर्शकों की संख्या कई रिकॉर्ड तोड़ देगी। यह फिल्म सुशांत सिंह राजपूत को श्रद्धांजलि के रूप में डिज्नी + हॉटस्टार पर मुफ्त में उपलब्ध कराया गया है। फिल्म देखने वाले लाखों लोग मनोरंजन की जगह शायद सुशांत की इस अंतिम फिल्म और शायद सुशांत के अभिनय को अंतिम सलाम देना पसंद करेंगे । दिल बेचारा सुशांत और उसके लिए हमारे दिलो में गहरे प्यार का उत्सव है, जिसने उसे अभिनेता और एक एक स्टार बना बनाया।
हमारी जन आवाज़ न्यूज़ की टीम की तरफ से हम सभी पाठको को फिल्म देखने की राय देते है । एक अंतिम सलाम सुशांत के नाम ।
रेटिंग – 3.5/5
दिल बेचारा मूवी पर सेलिब्रिटीज और फैंस की प्रतिकिरया
are iska to mujhe intzaar tha
Review se to pta chal rha ki movie achi hogi
The movie is awesome please watch it .