
“बाल गंगाधर तिलक जी 100 वीं पुण्यतिथि (पुण्यतिथि) पर भारत उन्हें को नमन करता है। उनकी बुद्धि, साहस, न्याय की भावना और स्वराज (स्व-शासन) के विचार को प्रेरित करना जारी है, ”प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया।
‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ का नारा देने वाले लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी की 100वीं पुण्यतिथि पर एक आयोजित वेबिनार में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा। ये वाक्य जब तक देश की आजादी का इतिहास रहेगा तब तक स्वर्णिम अक्षरों में लोकमान्य तिलक जी के साथ जुड़ा रहेगा।”
नई दिल्ली: भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक ‘लोकमान्य’ बाल गंगाधर तिलक जी की आज 100वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस (ICCR) ने एक वेबिनार का आयोजन किया। इस आयोजन में भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी बात रखी और कहा कि “लोकमान्य तिलक जी के पूरे जीवन का लेखा-जोखा देखकर इतना जरूर कह सकते हैं कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को भारतीय बनाने का अगर किसी ने काम किया तो वो लोकमान्य तिलक जी ने किया।” शाह ने यह भी कहा, “सादगी को कैसे अपने जीवन का अंग बना सकता है, अगर वो देखना है तो तिलक महाराज के जीवन से ही देख सकते हैं।”
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गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बाल गंगाधर तिलक जी सदैव अपने सिद्धांतों पर कायम रहे इसीलिए आज उनका स्मरण होता है। उन्होंने कहा, ”मरण और स्मरण इन दो शब्दों में आधे शब्द का ही अंतर है। मरण- मृत्यु हो जाने को कहते हैं। स्मरण कोई जीवन ऐसा जीता है कि आधा ‘स्’ लग जाता है जो मरण के बाद लोगों के स्मरण में चिर काल तक जीता है। मुझे लगता है कि ये आधा ‘स्’ जोड़ने के लिए पूरा जीवन सिद्धांतों पर चलना पड़ता है।”
lal bal pal me se ek the, bad contribution tha inka bhi