
रविवार 2 अगस्त, 2020 को दिल्ली पुलिस की विशेष जांच टीम (एसटीएफ) ने निलंबित AAP पार्षद ताहिर हुसैन को फरवरी महीने में पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों में दोषी ठहराया है ।
STF से किये गए खुलासे में ताहिर हुसैन ने कहा कि वह अपनी राजनीतिक शक्ति और धन का उपयोग करके हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था । जिसके लिए उसने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध किया और करवाया।
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उसने आगे बोलते हुए कहा कि वह पूर्वोत्तर दिल्ली के दंगों का मास्टरमाइंड था और इस काम के लिए उसने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, इशरत जहां और दानिश जो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य है और खालिद सैफी का इस्तेमाल किया।
आगे कारण का खुलासा करते हुए ताहिर ने कहा कि वह मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के उन्मूलन, फिर सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या में राम मंदिर बनाने का फैसला और फिर नागरिकता संशोधन अधिनियम के से वो बहुत गुस्सा हुआ, जिसकी वजह से उसको ये कदम उठाने का फैसला किया। ताहिर ने आगे बताते हुए कहा कि 8 जनवरी, 2020 को, खालिद सैफी शाहीन बाग में पीएफआई कार्यालय में उमर खालिद से मिले। बैठक के दौरान, खालिद ने कथित तौर पर उसे बताया कि वह अपने समुदाय के लिए अपना जीवन बलिदान करने के लिए तैयार है। यह वही समय था, जब खालिद सैफी ने ताहिर को बताया कि पीएफआई के सदस्य दानिश ‘हिंदुओं के खिलाफ युद्ध’ में आवश्यक सभी वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।
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तब तीनों ने मिल सीएए के विरोध में साजिश रची ताकि केंद्र सरकार को मजबूरन सीएए को वापस लेना पड़े । ताहिर के अनुसार, खालिद सैफी ने लोगों को इतना भड़काया की वे सड़कों पर निकल आएं और हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा करने लगे। सैफी ने अपने दोस्त इशरत जहां के साथ मिलकर, खुरेजी में शाहीन बाग की ही तरह सीए-विरोधी प्रदर्शन का आयोजन किया, जिसने धीरे धीरे बड़ा रूप ले लिया और विरोध दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में फैल गया।
इस प्रकार निलंबित आम आदमी पार्टी (आप) पार्षद ताहिर हुसैन ने फरवरी 2020 में हुई दिल्ली हिंसा में अपनी भूमिका को कबूल किया है और स्वीकार किया है कि उन्ही के अनुसार लोगों को हिंसा फैलाने के लिए उकसाया गया था।
aap kya kya hoga
Sach saamne ata hi hai
Sabak sikhana chahte the khud sikh gye
जब पुलिस जांच में ताहिर हुसैन ने अपने को दिल्ली दंगों का मास्टर माइंड मान लिया है तो अब दिल्ली पुलिस की यह जिम्मेदारी बनती है कि उसै कठोर से कठोर सजा दिलाए