RBI Monetary Policy: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को चार फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया है। यह फैसला छह-सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन-दिवसीय बैठक के बाद गुरुवार को लिया गया।

नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को चार फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बताया कि इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है.
बता दें की यह फैसला RBI ने छह-सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन-दिवसीय बैठक के बाद गुरुवार को लिया है। कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है। ऐसे में लोगों को RBI से छूट की जरुरत थी.
रिज़र्व बैंक के अनुसार, जीडीपी (सकल घरेलू वृद्धि) में ग्रोथ को लेकर भी तस्वीर बहुत सकारात्मक नहीं है. RBI गवर्नर ने बताया कि इस साल की पहली तिमाही में असली जीडीपी फिलहाल कॉन्ट्रैक्शन ज़ोन में बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि 2022-21 में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव ज़ोन में ही रहेगी. कोरोना महामारी के कारण भारत में मरीजों की संख्या बढ़ने से कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ा है। देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही कमजोर थी और कोरोना जैसी महामारी ने इसे और कमजोर कर दिया है।
कोविड के मामलों के चलते ग्लोबल इकॉनमिक ग्रोथ का परिदृश्य भी बहुत कमजोर दिख रहा है. वहीं, भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और लॉकडाउन के बीच ग्रोथ की संभावन को बहुत बड़ा धक्का लगा है.
ऐसे समय में लोग RBI से EMI Moratorium में और छूट की उम्मीद कर रहे थे. जो लोग घर का सपना देख रहे थे. वे होम लोन और सस्ता होने की उम्मीद लगाए बैठे थे. लोगो की उम्मीद को भी धक्का लगा है।
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Haan.. aj kal jaha log angreji k piche bhag rahe h waha hindi me news…. protsahniye hai.