‘द हिन्दू’ की एक रिपोर्ट के अनुसार नेपाल(Nepal) के गृहमंत्री राम बहादुर थापा के अनुसार अब भारतीयों(Indians) को नेपाल में प्रवेश करने के वक़्त अपना आई कार्ड(i-card) दिखाना होगा। नेपाल सरकार(Nepal Government) ने यह फ़ैसला कोरोना(Corona) संकट के चलते लिया है, राम बहादुर थापा ने संसदीय पैनल को बताया ”नेपाल अब इन आंकड़ों के जरिए कोविड संकट से निपटने के लिए बेहतर योजना बना सकेगा । इसके लिए डेटा संग्रह का काम चल रहा है. सरकार इसके लिए एक ऐसी प्रणाली विकसित करेगी जो परमानेंट काम कर सके।” ये जानकारी नेपाली संसद के राज्य प्रबंधन और सुशासन समिति को दी गई है।
नेपाल अब एक के बाद एक ऐसे फैसले ले रहा है जिससे भारत और नेपाल के रिश्तों में ख्टास बढ़ती जा रही है, पहले भी नेपाल के प्रधानमंत्री अपने विवादित बयानों की वजह से भारत नेपाल के रिश्तों पर प्रतिकूल असर डालते रहे है। बता दे की नेपाल में भयावह भूकंप के समय भारत ने नेपाल की हर संभव मदद की थी और हाल ही में भारत ने नेपाल को 28 मिलियन डॉलर की कीमत के 10 वेंटीलेटर भी सौंपे है।
पिछले कुछ समय से नेपाल उत्तराखंड के कालापानी और लिपुलेख समेत तीन हिस्सों पर अपना दावा जताता आ रहा है और जब भारत ने मानसरोवर रोड लिंक का उद्घाटन किया तो नेपाल ने कड़ा ऐतराज़ जताया था और सीमा विवाद बढ़ने पर नेपाल ने अपने सैन्य बल की तैनती बढ़ा दी थी।
दोनों देशों के बीच चल रहे लगातार विवाद ना जानें क्या रुप लेंगे, फिलहाल दोनों देशों के बीच बीरगंज जैसे केंद्रों से व्यापार चल रहा है और यूपी बिहार के लोग व्यापार हेतु नेपाल आते-जाते रहते है, पहचान पत्र के साथ नेपाल में आना-जाना दोनों देशों के बीच क्या असर पड़ेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
Bahut Sahi decision
चीन के बहकावे में आकर नेपाल अभी कौ न कौन- निर्णय लेगा देखना है