Gandhi Jayanti 2020 – कैसे दिलाई महात्मा गाँधी ने हमारे देश को आज़ादी, Read 6 reasons to love him

Gandhi Jayanti 2020 – आज है 2 अक्टूबर यानि हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गांधी का जन्म दिवस यानि गांधी जयंती, इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है और पूरा देश गांधी जी के योगदान को याद करता है जिसकी वजह से हमे 1947 में अंग्रेजो के हाथो आज़ादी मिली थी।

Gandhi Jayanti 2020 – Gandhi Birth and Initial Education :
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था और इनका जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 में था। गांधी जी के पिता जी का नाम करमचंद घंडी और माता का नाम पुतली बाई था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकोट और भावनगर से की, गांधी जी पढाई में एक औसत छात्र थे।
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Gandhi Jayanti 2020 – Gandhi Marriage and South Africa’s fight for Indian’s Right :
गांधी जी की 13 साल की छोटी उम्र में ही कस्तूरबा गांधी से शादी हो गयी जिस से उनके 4 पुत्र हुए। गांधी जी बैरिस्टर की पढाई करने के लिए लंदन चले गए। फिर 1893 में साउथ अफ्रीका में जाके बैरिस्टर की प्रैक्टिस करने लगे जहा उनको रंग भेद और भारीतय नागरिको के खिलाफ अंग्रेजो के अन्यायों का पता चला, उनको खुद चलती ट्रैन से टिकट होते हुए फेंक दिया गया, एक बार भरी अदालत में जज दवार पगड़ी उतरवाने का आदेश दे दिया गया , इन सब अन्यायों के खिलाफ गांधी जी ने वहा रह रहे नागरिको के अधिकारों के लिए आंदोलन किया।

Gandhi Jayanti 2020 – Major movements and contributions in Indian Independence :
1915 में गांधी जी भारत वापस आ गए और कांग्रेस अधिवेसन में सक्रिय हो गए फिर धीरे धीरे देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में कूद पड़े, गांधी जी के महत्वपूर्ण योगदान जिन्होंने भारत को आज़ादी दिलवाने की नीव रखी –
- चंपारण – बिहार में चंपारण आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता राजनीति में गांधी की पहली सक्रिय भागीदारी थी। चंपारण के किसानों को इंडिगो उगाने के लिए मजबूर किया जा रहा था, जिसका विरोध करने पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। किसानों ने गांधी जी की मदद मांगी तो उन्होंने एक अहिंसक विरोध कर प्राधिकरण से किसानो के लिए रियायतें जीती।

2. खेड़ा – बाढ़ की चपेट में आये स्थानीय किसानों के लिए शासकों से कर माफ करने की अपील की। यहां, गांधी ने एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जहां किसानों ने करों का भुगतान न करने का संकल्प लिया। गांधी जी के प्रयासों से 1918 में, सरकार ने अकाल समाप्त होने तक राजस्व कर भुगतान की शर्तों में ढील दी।

3. खिलाफत आंदोलन – प्रथम विश्व युद्ध के बाद, मुसलमानों ने अपने खलीफा के पतन की स्थिति और उनकी खिलाफ किये जा रहे षड्यंत्र के खिलाफ दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन किया। गांधी जी अखिल भारतीय मुस्लिम सम्मेलन के प्रमुख प्रवक्ता बनकर दक्षिण अफ्रीका में अपने भारतीय एम्बुलेंस कोर दिनों के दौरान साम्राज्य से प्राप्त पदक लौटा दिए। खिलाफत में उनकी भूमिका ने उन्हें कुछ ही समय में राष्ट्रीय नेता बना दिया।

4. असहयोग आंदोलन – गांधी ने असहयोग आंदोलन का आह्वान किया कर अंग्रेजो को मिलने वाले सहयोग को ख़त्म करने का प्रयास किया।
उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि शांतिपूर्ण असहयोग ही भारत की स्वतंत्रता की कुंजी है। जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद से असहयोग आंदोलन को उन्होंने और गति दी और स्वराज का लक्ष्य निर्धारित किया, जो उस समय के बाद से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का आदर्श बन गया।

5. दांडी मार्च – गांधी ने मार्च 1930 में नमक कर के खिलाफ सत्याग्रह अभियान शुरू किया। उन्होंने नमक बनाने के लिए गुजरात के अहमदाबाद से दांडी तक 388 किलोमीटर की दूरी तय की। हजारों लोग उनके साथ शामिल हुए और इसे भारतीय इतिहास के सबसे बड़े मार्च में से एक बना दिया इसको दांडी मार्च या नमक आंदोलन के नाम से जाना जाता है ।

6. भारत छोड़ो आंदोलन – द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, गांधी ने ब्रिटिश साम्राज्य पर एक निश्चित आघात के साथ प्रहार करने की ठान ली थी इसका मौका तब मिला जब अंग्रेजों ने भारतीयों को युद्ध के लिए भर्ती करना शुरू किया।
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गांधी जी ने इसका कड़ा विरोध किया और कहा कि भारतीय एक ऐसे युद्ध में शामिल नहीं हो सकते हैं जो लोकतांत्रिक उद्देश्यों के पक्ष में हो जब भारत स्वयं एक स्वतंत्र देश नहीं है तो वो कैसे लड़ सकता है । इस तर्क ने अंग्रेजो की मनसा को आघात पंहुचा उनकी छवि को दुनिया भर में धूमिल किया और इसके चलते 1947 में अंग्रेज भारत छोड़कर चले गए।

Gandhi Jayanti 2020: गांधी जी की मौत –
30 जनवरी 1948 को मथुराम गोडसे ने शाम के प्रार्थना के वक्त गांधीजी को 3 गोली मार मौत के घाट उतार दिया, कारण पूछे जाने नाथूराम गोडसे ने बताया की वह पहले गांधीजी का बड़ा अनुयायी था पर भारत पाक विभाजन का मुख्य कारण वही थे और गांधी मुस्लिम समुदाय को ज्यादा तबज्जो देते थे जिसकी वजह से उनलोगो के लिए नया देश बनाने की अनुमति भी दे दी।
आज का दिन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्युकी गांधी जी के सिद्धांत हम सबको हर मुसीबत में शांति, संयम और आंतरिक शक्ति के साथ कर्म करने की राह दिखाते है।
Nice summary on Gandhi g
गांधी के विषय में दो बातें
१_आजादी के बिषय में यह ग़लत धारणा बनाई गई है कि आजादी गांधी के अहिंसा और चर्खे से मिली है जबकि सच यह है कि आजादी हमारे लखो करोड़ों देशवासियों के बलिदान से मिली है २
२_- एक आ र टी आई द्वारा सूचना मांगने पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने सूचित किया है कि गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि कब दी गई इसका कोई भी रिकार्ड उपलब्ध नहीं हैं
विदित है कि कांग्रेस ने इन झूठे बातों में फंसाकर देश को आज तक गुमराह करती आ रही है